- 30 Posts
- 234 Comments
मित्रो यदि आप नाविक है तो आप इन प्रश्नों से परिचित होंगे और यदि नहीं तो मै आपको ३ यछ प्रश्न बता रहा हूँ जो की किसी भी नाविक को चिड़ाने के लिए इस्तमाल होते हैं.
पहला तो ये की कब लौट कर आये जिससे चिपका हुआ होता की वापस कब जाना है……..मन में तो आता है की कह दूँ अरे भाई छुट्टी पर अपने घर आया हूँ और अपनी कमाई का खा रहा हूँ जब मन करेगा जाऊंगा आपके पेट में दर्द क्यों हो रहा है? पर अक्सर मुस्कुरा कर कहना पड़ता है की अभी प्लान नहीं किया…..
दूसरा की पूरा पानी ही पानी तो जी नहीं ऊबता?
तीसरा सोमालिया के लुटेरों के बारे में बताओ……अरे भाई उनसे मुलाकात हुई तो आपको जरूर बुला लूँगा…….की भाई गब्बर इनसे मिलो ये तुम्हारे सबसे बड़े फैन हैं और कुछ दिन तुम्हारे साथ रुकना चाहते हैं.
इन तीन के साथ कभी कभी छुट भैया टाइप के प्रश्न भी चिपके होते है……जैसे की सैलरी कितनी है…..मै अपने बच्चे को कैसे भेज सकता हू और जहाज पर काम क्या होता है वगैरह वगैरह . एक बार कानपूर से बम्बई जाते हुए एक अति उत्सुक व्यक्ति ने जितना परेशान किया ये पूरा वाकया वही से निकला है.. मित्रो लगभग ३० से ४० सवालों के जवाब के बाद भी जब वो मेरी नींद खराब करने पर आमादा दिखे तो तो मैंने उनके प्रश्न की क्या काम करते हो का उत्तर कुछ ऐसे दिया की हम सभी एक सर्कस से अनुबंधित हैं……..और जहाँ भी उनका शो होता है हमें जाना पड़ता है……जब तक शो चलता है हम लंगर डाले रहते है…..कभी कभी ऊपरी कमाई के लिए स्टाल भी लगाते हैं…….और जब जहाज चलता है तो तो फिर पूछिए ही मत…….बस काम ही काम…….जानवरों को नहलाना उनके खाने पीने का ध्यान रखना और सुबह शाम उनको डेक पर टहलाना इस सब में समय का पता ही नहीं लगता……कभी कभी बीच समुन्दर में हम उनको तैराते भी हैं…..लेकिन तब हमें लाइफ बोट उतारनी पड़ती है और जब जानवर तैर कर वापस आना चाहते है तो नेट और क्रेन के सहारे वापस उनको जहाज पर ले लिया जाता है…….खैर बाकि के १० घंटे मेरे लिए अच्छी खासी दिमागी कसरत के थे……..आज तक जितना भी नैट जियो और डिस्कवरी देखा था सारा कुछ याद करना पड़ा क्यों की तब वो भाई साहब के सवाल जहाज से हट कर जानवरों पर आ चुके थे…….. सवाल भी कितने और कैसे कैसे…..कुछ भी हो सफ़र अच्छा गुजरा और आज भी जब मिल बैठते है चार यार तो उन भाई साब की याद जरूर से की जाती है……
Read Comments